बाइक चोर गिरोह का कारनामा, भागलपुर से चुराई गई बाइक दो घंटे में बन जाती है झारखंड की

 


भागलपुर के बाइक चोर गिरोह का झारखंड तक नेटवर्क

Bike Thieves gang-पुलिस जांच में सामने आया कि भागलपुर के बाइक चोर गिरोह का नेटवर्क झारखंड तक है। बाइक चोर इतने शातिर हैं कि चोरी की बाइक को झारखंड पहुंचा देते हैं जहां झारखंड का नंबर प्लेट लगाकर बाइक बेच दिया जाता है।

संवाददाता, भागलपुर : बाइक चोर गिरोह से जुड़े एक केस की जांच में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। भागलपुर के चोर गिरोह चुराई गई बाइक को दो घंटे के अंदर झारखंड की बाइक बना देते हैं। चोर गिरोह बाइक पर झारखंड का नंबर प्लेट लगाकर फर्जी कागजात बनाकर उसे झारखंड में बेच देते हैं।

कटिहार जिले की बरारी पुलिस और बांका जिले के बाराहाट थाने की पुलिस की संज्ञान में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। गिरोह के सदस्य बाइक चुराने के बाद सीधे सन्हौला ले जाते हैं, जहां गंगटी में सक्रिय गोवर्धन गिरोह के लड़के बाइक पर झारखंड का नंबर प्लेट लगा देते हैं। फिर उसे झारखंड में सक्रिय संतोष हांसदा और मुहम्मद रऊफ गिरोह से जुड़े शातिर फर्जी कागजात तैयार कर साहेबगंज, पथरगामा, महगामा, दुमका में बेच देते हैं।

भागलपुर से चोरी गई अधिकांश बाइक को सन्हौला में गोवर्धन गिरोह को सौंपा जाता है। उसके बाद झारखंड के संतोष हांसदा और मुहम्मद रऊफ गिरोह को सौंपा जाता, जहां एक चोरी की बाइक 30 हजार रुपये में बिकती है। यहां के गिरोह से जुड़े शातिर की जवाबदेही सन्हौला तक पहुंचाने की होती। कुछ बाइक कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा के अलावा दियारा में भी बेचे जाते हैं।

एक घंटे में पार्ट-पुर्जा खोल देते हैं शातिरपुलिस की पड़ताल में सामने आया कि बबलू-इफ्तेखार गिरोह मोजाहिदपुर, जीरोमाइल, बाइपास, तातारपुर और बबरगंज के अलावा पुरैनी में मौजूद अपने सहयोगियों की मदद से एक घंटे में बाइक का पुर्जा-पुर्जा खोल देते। जहां से बाइक के पार्ट को खरीदने के लिए भी एक गिरोह तैयार रहता है। कम कीमत में बाइक की टंकी, टायर, हेड लाइट, साइलेंसर, सीट, मडगार्ड से लेकर सारे सामान मिल जाते हैं। ऐसे पार्टस बेचने के लिए कचहरी रोड, भीखनपुर रोड, जीरोमाइल-बाइपास रोड, तातारपुर, मोजाहिदपुर, कोतवाली रोड में बाकायदा एजेंट घूमते रहते। जो खरीदने वालों को दुकानों के बाहर ही कम कीमत बताकर सौदा पटा लेते हैं।

भागलपुर में पूर्व में तैनात रहे सिटी डीएसपी डॉ. परवेज अख्तर ने बाइक चारों के एक संगठित गिरोह की करतूत को उजागर किया था। उन्होंने दर्जन से अधिक बाइक चोरों को जेल भेजा था।

दस मिनट का कराते इंतजार फिर आठ सौ में बदल देते टायर

चोरी की बाइक के पार्ट्स खुलने के बाद उसे खरीदने वाले मिस्त्री ने भी उसे खपाने का नायाब तरीका अपना रखा है। तिलकामांझी-सबौर रोड, तिलकामांझी-घंटाघर रोड, तिलकामांझी-आदमपुर रोड, स्टेशन चौक-नाथनगर रोड, डिक्सन मोड़ जरलाही रोड में बाइक के कोई भी पार्टस की जरूरत होने पर बेचने वाले दस मिनट का इंतजार कराते हैं। फिर अपने अज्ञात ठिकाने से पार्टस लाकर दे देते हैं। पंक्चर बनाने वाले भी पुरानी टायर देख ऑफर देते हैं कि नई में लेंगे तो साहब दो हजार से अधिक ही लगेंगे, आठ सौ रुपये खर्च करेंगे तो ए-वन टायर लगा देंगे। ग्राहक के हामी भरते ही आठ सौ रुपये में चोरी की बाइक की टायर लगा दी जाती है।