घने कोहरे के बीच श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा पर गंगा में लगाई डुबकी, ठंड पर भारी पड़ी आस्था

 

पौष पूर्णिमा पर मानिकपुर में गंगा स्नान करते श्रद्धालु। जागरण

मानिकपुर से गुजरी गंगा मैया के शाहाबाद किला घाट राजघाट गंगा तट पर भारी संख्या में लोग पहुंचे। परिवार के साथ भी लोग आए। उनके स्नान का क्रम शुरू हो गया दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा का पूजन करके पाप नष्ट करने की प्रार्थना की।

मानिकपुर, : पौष पूर्णिमा पर लोगों की आस्था ठंड को परास्त करती दिखी। गंगा घाटों पर घने कोहरे और गलन के बाद भी भोर से ही स्नान करने का सिलसिला शुरू हो गया। जयकारे से कोना-कोना गूंजने लगा। यह क्रम भोर से लेकर शाम तक चलता रहा।

मानिकपुर से गुजरी गंगा मैया के शाहाबाद किला घाट, राजघाट गंगा तट पर भारी संख्या में लोग पहुंचे। परिवार के साथ भी लोग आए। उनके स्नान का क्रम शुरू हो गया दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा का पूजन करके पाप नष्ट करने की प्रार्थना की। इसके बाद तीर्थ पुरोहितों को अन्न एवं दक्षिणा दी, गौ पूजन किया। 

अधिकांश लोगों ने गंगा स्नान के बाद सिद्ध पीठ मां ज्वाला देवी धाम जाकर मां का पूजन-अर्चन किया। ठंड को देखते हुए नगर पंचायत प्रशासन द्वारा जगह-जगह पर अलाव की व्यवस्था कराई गई थी। वाहनों की कमी के कारण लोग ट्रेनों का सहारा लेते हुए भी दिखाई दिए। आस्था की डुबकी लगाने को बेल्हा के साथ अन्य जिलों से भी लोग आए। 

कोहरे और ठंड के कारण सड़कों पर वाहन तो कम दिखे, लेकिन रायबरेली, अमेठी और जायस की ओर से आने वाले लोग ट्रेनों का सहारा लेकर रायबरेली के रास्ते मानिकपुर पहुंचे। उन्होंने ब्रह्म बेला में ही स्नान किया। हर-हर गंगे करते लोगों को देख ठंड कोने में दुबक सी गई।

संगम जाने का रहा उत्साह

पूर्णिमा पर संगम नगरी जाने वालों में भी उत्साह देखा गया। रोडवेज बस स्टेशन पर लोग माघ मेला स्पेशल बसों का सहारा लेकर जाते दिखे। यह क्रम भोर से ही शुरू हो गया। ट्रेनों पर भी लोगों को सवार होते देखा गया। मंदिरों व घरों में भी लोगों ने दर्शन-पूजन करके सुख-समृद्धि की कामना भगवान से की।