जानलेवा भगदड़ के बाद आंध्र प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, अब सड़कों पर नहीं होगी जनसभाएं और रैलियां


जानलेवा भगदड़ के बाद आंध्र प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, अब सड़कों पर नहीं होगी जनसभाएं और रैलियां
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Andhra Pradesh News जन सुरक्षा का हवाला देते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सड़कों पर जनसभाएं और रैलियों पर रोक लगा दी है। सरकार ने निषेधाज्ञा आदेश पुलिस कानून 1861 के प्रावधानों के तहत ये आदेश 1 जनवरी की देर रात को लागू किया।

नेल्लोर, एजेंसी। जन सुरक्षा का हवाला देते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सड़कों पर जनसभाएं और रैलियों पर रोक लगा दी है। सरकार ने यह फैसला हाल ही में नेल्लोर में एक राजनीतिक दल की बैठक में 8 लोगों की मौत की घटना के आधार पर लिया है। सरकार ने निषेधाज्ञा आदेश पुलिस कानून, 1861 के प्रावधानों के तहत ये आदेश 1 जनवरी की देर रात को लागू किया है।

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क्या है सरकार का आदेश?

सरकार ने अपने आदेश में कहा, 'सार्वजनिक सड़कों और गलियों में जनसभा करने का अधिकार पुलिस कानून, 1861 की धारा 30 के तहत नियमन का विषय है।' प्रधान सचिव (गृह) हरीश कुमार गुप्ता ने सरकारी आदेश में संबधित जिला प्रशासन और पुलिस तंत्र से 'ऐसे स्थानों की पहचान करने के लिए कहा है जो जन सभाओं के लिए सार्वजनिक सड़कों से दूर हों, ताकि यातायात, लोगों की आवाजाही, आपात सेवाओं, आवश्यक सामान की आवाजाही आदि बाधित न हो।'

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नेल्लोर में 8 लोगों की हुई थी मौत

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) नेता एन चंद्रबाबू नायडू की एक जनसभा में 28 दिसंबर, 2022 की शाम भगदड़ मच गई। इस दौरान टीडीपी के 8 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू की यह जनसभा नेल्लोर जिले के कंदुकुरु में आयोजित हुई थी। कंदुकुरु में आयोजित जनसभा में भारी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई। इसी बीच धक्का-मुक्की हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी।