कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य

 

बीजिंग, एजेंसी। चीन में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। माना जा रहा है कि जनवरी के अंत तक चीन में कोरोना का पीक आएगा, यानी उस समय कोरोना के मामले चरम पर होंगे। इस बीच भारत के बाद ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने भी चीन से आने वाले यात्रियों पर कोरोना के नियम लागू कर दिए हैं। अब चीन से इन देशों में जाने वाले यात्रियों से पले को कोविड-19 टेस्ट की जरूरत होगी। दरअसल, चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी को अचानक खत्म कर दिया। इसके बाद देश भर में कोरोना वायरस तेजी से फैलने लगा और अब पूरा देश इसके प्रकोप से जूझ रहा है। 

5 जनवरी से टेस्ट रिपोर्ट दिखाना होगा अनिवार्य

ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को कहा कि 5 जनवरी से चीन, हांगकांग या मकाओ से आने वाले सभी हवाई यात्रियों को वहां से निकलने से दो दिनों के भीतर की COVID-19 नकारात्मक टेस्ट रिपोर्ट दिखाने की जरूरत होगी। कनाडा के अधिकारियों ने इसी तरह के उपायों की घोषणा की है, जो 5 जनवरी से लागू होंगे। 

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इसी यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इसहाक बोगोच ने कहा, “यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि इस नीति के लक्ष्य क्या हैं। मगर, ऐसे उपायों से मदद नहीं मिली है। हम अतीत से जानते हैं कि इसके जैसे बहुत ही केंद्रित और लक्षित यात्रा उपाय COVID के प्रसार को रोकने में बहुत मदद नहीं करते हैं। 

अब तक इन देशों ने लागू किया है यह नियम 

ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से पहले अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, जापान और कई यूरोपीय देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट को पेश करना अनिवार्य कर दिया है। चीन में संक्रमण पर डेटा की कमी और नए वेरिएंट के फैलने की आशंका के बीच चीनी यात्रियों पर सख्त COVID-19 उपाय लागू किए हैं। 

दूसरे रास्तों से भी आ सकता है वायरस 

बोमैन ने कहा, “शोध में पता चला है कि वायरस इंसानों के घूमने के माध्यम से कैसे फैलता है। इसका मतलब है कि वायरस का अगला वैरिएंट चीन से ही नहीं, कहीं और से भी उभर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह कनाडा में अन्य अप्रत्यक्ष रास्तों से पहुंच सकता है। एक और प्रभावी उपाय वायरल लोड और म्यूटेशन की जांच के लिए हवाई जहाज और हवाई अड्डों से अपशिष्ट जल का परीक्षण करना है।”