शिक्षक बनने के बाद अब बदली के लिए विधायकों के पास न जाएं शिक्षक बनने के बाद अब बदली के लिए विधायकों के पास न जाएं

मुख्यमंत्री, पीएयू के डा. मनमोहन सिंह आडिटोरियम में 3910 मास्टर कैडर उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे थे।

Ludhian News पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नवनियुक्त मास्टर कैडर उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देते हुए कहा कि नए शिक्षकों को गांवों में तैनात किया गया है। जैसे जैसे अनुभव होगा आपको आपके जिला शहर और घर के निकट तैनात कर दिया जाएगा।

 संवाददाता, लुधियाना। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नवनियुक्त मास्टर कैडर उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देते हुए कहा कि अब आप को अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना है। उन्होंने कहा कि नए शिक्षकों को गांवों में तैनात किया गया है। जैसे जैसे अनुभव होगा, आपको आपके जिला, शहर और घर के निकट तैनात कर दिया जाएगा। तबादलों के लिए अभी से विधायकों के पास न जाएं। तबादले खुद ब खुद होंगे, किसी की सिफारिश नहीं चलेगी।

मुख्यमंत्री पीएयू के डा. मनमोहन सिंह ऑडिटोरियम में 3910 मास्टर कैडर उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे थे। इस मौके पर शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस, पीएयू के वाइस चांसलर डा. सतबीर सिंह गोसल के अलावा लुधियाना के सभी विधायक मौजूद हैं।

साढ़े नौ माह में लक्ष्य पूरा किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने साल में 25 हजार नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन इस लक्ष्य को साढ़े नौ माह में पूरा कर लिया गया। उन्होंने कहा कि अभी कई शिक्षक व मुलाजिम कच्चे हैं, जिन्हेंं आने वाले कुछ माह में पक्का किया जाएगा। इनमें कोरोना वर्कर, ईटीटी, पीटी टीचर, डीपी टीचर, कंप्यूटर टीचर और अन्य विभागों से संबंधित हैं।

कच्चे मुलाजिम के रूप में अपनी तय उम्र सीमा पार कर चुके मुलाजिमों को भी मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता उन्हें मिलेगी, जो नारे लगाते-लगाते ओवरएज हो गए। उनके लिए उम्र सीमा बढ़ाई जाएगी। नए भी रखे जाएंगे। अनुभवी को भी रखा जाएगा।

117 स्कूल आफ एमिनेंस की तैयारी

मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों को कहा कि गांवों के बच्चे बहुत प्रतिभावान हैं। आप एकबार उन्हें पढ़ाए, आपको भी गर्व होगा। माता पिता पहले अभिभावक होते हैं, लेकिन बच्चों को शिक्षित कर कामयाब बनाने वाले शिक्षक दूसरे अभिभावक होते हैं।

पंजाब भर में सरकार 117 स्कूल आफ एमिनेंस बनाने जा रही है और उसके लिए प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का चयन अध्यापकों ने करना है। अध्यापक बच्चे की प्रतिभा को पहचानेंगे और सरकार उन्हें आगे तैयार करके कालेजों को देगी, ताकि किसी बच्चे को विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़े। वह पंजाब में ही रहकर अपना कैरियर बना सके।