![Sharad Pawar said Young men not finding brides because of unemployment](https://www.jagranimages.com/images/newimg/05012023/05_01_2023-sharad_pawar_23284025.webp)
Sharad Pawar Attack on BJP राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि सत्ता में बैठे लोग किसानों को उचित पारिश्रमिक देने के लिए तैयार नहीं हैं। वो बिचौलियों के हितों की रक्षा कर रहे हैं और आम लोगों को महंगाई में धकेल रहे हैं।
पुणे, एजेंसी। Sharad Pawar Reaction Over Unemployment: बेरोजगारी को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकारों की आलोचना करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं क्योंकि विवाह योग्य युवकों की शादी नहीं हो रही। राकांपा के जन जागरण अभियान को हरी झंडी दिखाने से पहले पवार ने कहा कि समुदायों के बीच दरार पैदा की जा रही है। महंगाई और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।
संभव है समाधान
शरद पवार ने कहा, ''देश में भुखमरी के मुद्दे का समाधान संभव है क्योंकि हमारे किसानों ने उत्पादन बढ़ाया है लेकिन सत्ता में बैठे लोग किसानों को उचित पारिश्रमिक देने के लिए तैयार नहीं हैं, बल्कि वे बिचौलियों के हितों की रक्षा कर रहे हैं और आम लोगों को महंगाई की खाई में धकेल रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार इन समस्याओं से मुंह फेरे हुए है।
युवा को नौकरी मांगने का अधिकार
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज का युवा शिक्षित है और उसे नौकरी मांगने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि उद्योग महाराष्ट्र से बाहर जा रहे हैं, मौजूदा उद्योगों को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है। बीजेपी सरकार की तरफ से नए व्यवसाय स्थापित करने के लिए कोई अवसर नहीं दिया जा रहा है, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है।
शरद पवार ने कही ये बात
शरद पवार ने कहा, "एक बार यात्रा के दौरान एक गांव के चौराहे पर 25-30 साल के 15-20 युवकों से मिला। उनसे पूछा कि उन्होंने क्या किया है। कुछ ने बताया कि ग्रेजुएट हैं, कुछ ने कहा कि पोस्ट ग्रेजुएट हैं। जब मैंने उनसे पूछा कि क्या वे शादीशुदा हैं तो सभी ने मना किया। जब मैंने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि कोई भी उन्हें दुल्हन देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उनके पास नौकरी नहीं है। पवार ने कहा कि ये शिकायतें राज्य के ग्रामीण हिस्सों में अधिक सुनी जा रही हैं।"