साजी चेरियन फिर लेंगे मंत्री पद की शपथ, CM ने राज्यपाल से की थी सिफारिश

 

साजी चेरियन केरल के राज्य मंत्रिमंडल की दोबार शपथ लेंगे।
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता साजी चेरियान को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वह 4 जनवरी शाम चार बजे केरल कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेंगे। साजी पिछले साल जुलाई में एक भाषण के दौरान संविधान के खिलाफ कथित टिप्पणी कर दी थी।

तिरुवनन्तपुरम, पीटीआई। केरल के राज्य मंत्रीमंडल से बर्खास्त किए गए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता साजी चेरियान को दोबारा मंत्री पद की शपथ लेंगे। सीपीआईएम नेता साजी चेरियान 4 जनवरी शाम चार बजे केरल कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नेता साजी चेरियान को फिर से मंत्री बनाने की मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की सिफारिश को मंगलवार को मंजूरी दे दी। सूत्रों ने बताया है कि चेरियन को बुधवार शाम चार बजे पद की शपथ दिलाई जाएगी। 

क्या था पूरा मामला

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ने पिछले साल जुलाई में पठानमथिट्टा जिले में एक भाषण के दौरान संविधान के खिलाफ कथित टिप्पणी कर दी थी। विवादित टिप्पणी के बाद वह विवादों में घिर गए थे। विपक्षी पार्टियों ने उन पर जमकर निशाना साधा था। जिसके बादसाजी चेरियान ने अपने विवादित बयान के संबंध में उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करने को लेकर राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। साजी चेरियन ने अपने विवादित बयान में कहा था कि देश का संविधान शोषण की अनदेखी करता है और इसे इस रूप में लिखा गया है कि यह देश के लोगों को लूटने में मदद करता है।

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जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा नौ का हुआ उल्लंघन

साजी चेरियन को राज्य मंत्रीमंडल के पद से इस्तीफा दिलाने के लिए याचिकाएं दायर की गई थी। याचिकाओं में कहा गया कि चेरियन ने टिप्पणी से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा नौ का उल्लंघन किया है। इसलिए उनको अयोग्य करार दिया जाना चाहिए। इस धारा के तहत कहा गया कि भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के तहत आने वाले कार्यालय में रहते हुए भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के आरोप में बर्खास्त किया जाएगा। वहीं इस संबंध में पांच साल की अवधि के लिए अयोग्य माना जाएगा। याचिकाओं में उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि चेरियन ने संविधान के अनुच्छेद 173(ए) और 188 का उल्लंघन किया और उनके विवादास्पद भाषण के संबंध में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत एक मामला भी दर्ज किया गया था।

सीपीआईएम ने उन्हें वापस लाने का किया फैसला

बरहाल सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) ने 30 दिसंबर, 2022 को उन्हें मंत्रिमंडल में वापस लाने का फैसला किया था। जिसके बाद वह अगले दिन राज्यपाल को पत्र भेजकर 4 जनवरी को विधायक को पद की शपथ दिलाने की सुविधा मांगी थी। सोमवार को राज्य लौटे आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था कि उन्हें चेरियन की मंत्रिमंडल में बहाली से संबंधित कागजात देखने की जरूरत है क्योंकि यह कोई सामान्य मामला नहीं है।