मैप से लेकर सर्च तक सब कुछ फ्री, लेकिन कमाई अरबों डॉलर, क्या है Google की आय का स्रोत

 

how google makes money from users (Jagran File Photo)

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Google Revenue गूगल लोगों को सर्च से लेकर कंटेट स्ट्रीमिंग जैसी सुविधाएं फ्री में उपलब्ध कराता है। वहीं फ्री में सेवाएं देने के साथ कंपनी अरबों डॉलर भी कमाती है। आज हम अपनी रिपोर्ट में कंपनी के बिजनेस मॉडल की टोह लेने की कोशिश करेंगे।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। How Google Earn Money  आज के समय में लोग सुबह उठकर मौसम का हालचाल जानने से लेकर घूमने जाने के लिए मैप या फिर खाने के लिए अच्छी जगह खोजना सभी के गूगल का प्रयोग करते हैं। आप गूगल पर जो चाहें वह आसानी से बिना कोई शुल्क दिए सर्च करते हैं और एक आम व्यक्ति के लिए गूगल की ज्यादातर सेवाएं फ्री में उपलब्ध हैं, लेकिन फिर भी गूगल की आय 200 बिलियन डॉलर से अधिक है।  ऐसे में ये सवाल उठता है कि फ्री में सेवाएं देने के बाद भी गूगल हर साल अरबों डॉलर कैसे कमाता है। आइए जानते हैं अपनी इस रिपोर्ट में...

गूगल एड्स (Google Ads)

गूगल एक सर्च इंजन है, जो इसे बाकी अन्य वेबसाइट से काफी अलग बनाता है। अन्य वेबसाइट्स लोगों को जानकारी देकर पैसे कमाती हैं। वहीं, गूगल लोगों को उन वेबसाइट्स तक पहुंचाकर पैसे कमाता है। इसी में गूगल एड्स आ जाते हैं, जिनके माध्यम से वेबसाइट्स या कंपनियां ऐड देती हैं और लोगों के सर्च करने पर ऐड वाली वेबसाइट्स ऊपर आती हैं। यह गूगल का बिजनेस मॉडल है। गूगल एड्स से कंपनी की आय इसके अलावा भी गूगल क्लाउड सर्विसेस, हार्डवेयर और प्रीमियम कंटेंट से भी पैसे कमाता है।

गूगल क्लाउड (Google Cloud)

गूगल क्लाउड भी कंपनी की आय का एक जरिया है। इसमें कंपनी यूजर्स को क्लाउड स्टोरेज जैसी सुविधा उपलब्ध कराती है। एक निश्चित सीमा में गूगल यूजर्स को फ्री क्लाउड स्टोरेज देता है, जिसके बाद पैसे लिए जाते हैं।

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इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स

गूगल ने पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स के क्षेत्र में कदम रखा है। कंपनी ने फ्लैगशिप फोन गूगल पिक्सल, स्मार्टवॉच और वॉइस कमांड प्रोडक्ट के क्षेत्र में कदम रखा है। इससे भी कंपनी आय अर्जित करती है।

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गूगल प्लेस्टोर (Google Playstore)

दुनिया का हर एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर अपने मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करने के लिए गूगल प्लेस्टोर का उपयोग करता है। लोगों के लिए ये वेशक फ्री हो, लोकिन इस पर अपना ऐप अपलोड करने के लिए कंपनियों से मासिक और वार्षिक फीस ली जाती है।