हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन में नाबालिग बच्चों के इस्तेमाल पर NCPCR ने जताई आपत्ति, कार्रवाई की मांग

 


हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन में नाबालिग बच्चों के इस्तेमाल पर NCPCR ने जताई आपत्ति।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान नाबालिग बच्चों के कथित इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है। NCPCR ने इस संबंध में नैनीताल के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान नाबालिग बच्चों के कथित इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है। NCPCR ने इस संबंध में नैनीताल के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि सोशल मीडिया पर ऐसी कई खबरें सामने आई हैं, जिनमें नाबालिग बच्चों को सड़कों पर बैठाकर भारतीय रेलवे के खिलाफ प्रदर्शन करते दिखाया गया है।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदर्शन

बता दें कि 20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से अतिक्रम हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेशानुसार, रेलवे अधिकारियों ने अवैध घरों का सर्वेक्षण किया, जिन्हें ध्वस्त किया जाना है। मालूम हो कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के निवासी अदालत के आदेश के अनुपालन में उन्हें हटाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

प्रदर्शन में बच्चों के शामिल होने पर NCPCR की आपत्ति

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई तस्वीरों में बच्चों के हाथों में पोस्टर दिखाया गया है और प्रदर्शन स्थल पर नाबालिग बच्चें बैठें हैं। उन्होंने पत्र में कहा कि यह ध्यान दिलाना उचित है कि कम उम्र के बच्चों को इन प्रतिकूल मौसम स्थितियों में विरोध स्थल पर लाया गया है, जो उनके स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

बच्चों के इस्तेमाल पर रोक की मांग

आयोग ने इस संबंध में जिलाधिकारी से गहन जांच करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, इस अवैध विरोध में जिन बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनकी पहचान की जानी चाहिए और अगर आवश्यक हो तो बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। आयोग ने कहा कि इस तरह के अवैध विरोध में बच्चों के इस्तेमाल से पहले भी चोटें आई हैं और एक विरोध प्रदर्शन में नाबालिग बच्चों की मौत भी हुई है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 7 फरवरी तय की है।