एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के शील भंग या छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में 2523 शिकायतें प्राप्त हुई हैं दुष्कर्म और दुष्कर्म के प्रयास की 1701 शिकायतें महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 1623 और साइबर अपराधों की 924 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
नई दिल्ली, पीटीआई। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की करीब 31,000 शिकायतें मिलीं थी जो 2014 के बाद सबसे अधिक हैं। इनमें से आधे से ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश के थे। एनसीडब्ल्यू को 2021 में 30,864 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2022 में यह संख्या बढ़कर 30,957 हो गई। एनसीडब्ल्यू के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30,957 शिकायतों में से अधिकतम 9,710 सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं। इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,970 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,600 शिकायतें थीं।
एनसीडब्ल्यू को 2014 के बाद से प्राप्त शिकायतों की संख्या पिछले साल सबसे अधिक रही। 2014 में कुल 33,906 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। महिलाओं के खिलाफ लगभग 54.5 प्रतिशत (16,872) शिकायतें सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं। दिल्ली में 3,004 शिकायतें दर्ज की गईं, इसके बाद महाराष्ट्र में 1,381, बिहार में 1,368 और हरियाणा में 1,362 शिकायतें मिली।
आंकड़ों के अनुसार, सम्मान के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं। एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के शील भंग या छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में 2523 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, दुष्कर्म और दुष्कर्म के प्रयास की 1,701 शिकायतें, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 1,623 और साइबर अपराधों की 924 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।