इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान में सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच रविवार को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने देश में अपनी सरकार बनाने की घोषणा कर दी है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने संगठन को विभिन्न मंत्रालयों, रक्षा, न्यायपालिका, सूचना, राजनीतिक मामलों, आर्थिक मामलों, शिक्षा, फतवा जारी करने वाले प्राधिकरण, खुफिया और निर्माण विभाग में विभाजित करते हुए अपनी नई नियुक्तियों की घोषणा की है।
तालिबान से संबद्ध टीटीपी
टीटीपी के इस ऐलान के बाद कई सवाल खड़े होने लगे हैं, जैसे क्या पाकिस्तान पर अब आतंकी राज हो सकता है? या क्या आने वाले दिनों में पाकिस्तान का हाल अफगानिस्तान जैसा हो सकता है? आपको बता दें कि टीटीपी तालिबान से संबद्ध है, जिसने पिछले साल अगस्त में पड़ोसी अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था। कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन ने पिछले साल नवंबर में सरकार के साथ अफगान तालिबान की मध्यस्थता वाले संघर्ष को खत्म करने की घोषणा के बाद से हमले तेज कर दिए हैं।
इस्लामाबाद स्थित एक थिंक टैंक ने कहा
इस सप्ताह इस्लामाबाद स्थित एक थिंक टैंक ने कहा कि वर्ष 2022 एक दशक में पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मियों के लिए सबसे घातक महीने के साथ समाप्त हुआ, बीते वर्ष देश के कई सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया, क्योंकि इसने देश के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में टीटीपी के उभरने की ओर इशारा किया।
शनिवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) ने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने 2022 के दौरान हमलों में कम से कम 282 कर्मियों को खो दिया, जिनमें IED घात, आत्मघाती हमले और सुरक्षा चौकियों पर छापे शामिल थे।सीआरएसएस रिपोर्ट ने कहा, 'वर्ष 2022 एक दशक में पाकिस्तान के सुरक्षा कर्मियों के लिए सबसे घातक महीने (अब तक) के साथ समाप्त हुआ, टीटीपी, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और देश के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में दाएश-अफगानिस्तान वाले एक नए आतंकवादी तिकड़ी उभरे।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि क्षेत्र में लगभग 7,000 से 10,000 TTP आतंकवादी मौजूद हैं। उन्होंने दावा किया कि जिन आतंकवादियों ने पहले हथियार डाल दिए थे, उन्होंने अब गुपचुप तरीके से गतिविधियों को फिर से शुरू कर दिया है, जिससे क्षेत्र में कहर बरपा रहा है।