RBI MPC meeting 2023 आरबीआई ने कल मौद्रिक नीति को लेकर एलान किया है। इस बार भी रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में फंड मैनेजर्स का मानना है कि डेट फंड में इंवेस्ट करना चाहिए।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति की बैठक का फैसला कल आ चुका है। इस बार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शशिकांत दास ने उधार दरों को लगातार दूसरी बार अपरिवर्तित रखने फैसला लिया है।
पिछले साल मई 2022 से दरों में 250 बीपीएस की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस साल अप्रैल से दरों को स्थिर रखा गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को एमपीसी के बैठक में लिए गए फैसले के बारे में एलान किया था। इस बार भी रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया है।
लॉन्ग टर्म में करें निवेश
निवेशकों को अच्छा मुनाफा कमाने के लिए लंबे समय के बॉन्ड अवधि का चयन करना चाहिए। लंबी अवधि के फंड निवेशकों के लिए पसंदीदा निवेश ऑप्शन हो सकता है। हालांकि, रेट में गिरावट देखने को मिल रही है, इसके बावजूद ये आकर्षक है, ऐसे में इसे छोड़ना नहीं चाहिए।
कई फंड मैनेजर्स का कहना है कि घरेलू मैक्रो इंवॉयरमेंट में लगाताग ग्रोथ देखने को मिल रहा है। महंगाई दर में भी गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि हमें मॉनसून और एल-नीनो जैसे भू- राजनीति से सतर्क रहना चाहिए।
रखें ये सावधानियां
निवेशकों को ऐसे फंड में निरंतर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चतता की स्थिति बनी हुई है। कई फंड मैनेजर्स का मानना है कि मुद्रा बाजार की दरें 10-15 बीपीएस तक बढ़ सकती हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि फिक्स्ड इनकम को लेकर आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है। इन वजह से निवेशकों को लॉन्ग टर्म में इंवेस्ट करना चाहिए।