कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन का अर्श से फर्श तक का सफर, पढ़िए- क्या है पूरी कहानी और ताजा अपडेट

 

Piyush Jain Case latest update: कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष (Piyush Jain)जैन की फोटो।

कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain)के घर और प्रतिष्ठानों पर छापा मारे जाने के बाद इंटेलीजेंस टीम को करीब 280 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। इसके बाद कन्नौज में छापा मारा गया वहां से भी 19 करोड़ कैश बरामद हुआ।

कानपुर, इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के कानपुर और कन्नौज स्थित ठिकानों पर हुई छापेमारी ने इस महीने खूब सुर्खियां बटोरीं। इस व्यवसायी के घर न केवल करोड़ों की नकदी बल्कि सोने के बिस्किट और बहुमूल्य चंदन का तेल भी बरामद हुआ था। कानपुर में हुई छापेमारी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के इतिहास में सबसे बड़ी छापेमारी थी। इस पूरे प्रकरण के बाद से कई यक्ष प्रश्न अभी तक बने हैं। जैसे कि पीयूष जैन (Piyush Jain) के पास आखिर इतनी ज्यादा तादात में नोट कैसे लाए जाते थे, बरामद नोटों का क्या स्रोत है, छापे की शुरुआत कैसे हुई, किन-किन लोगों पर अब तक छापेमारी की कार्रवाई हुई और क्या वाकई पीयूष जैन (Piyush Jain)का समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) व अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से कोई संबंध है ? इन्हीं सवालों को आधार मानते हुए डीजीजीआइ जांच कर रही है और अब पुरातत्व विभाग यानि आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया तथा आयकर विभाग (Income Tax)को भी मामले की जांच सौंपने की खबरें सामने आ रही हैं। पीयूष जैन (Piyush Jain) से जुड़ी खबरों की श्रृंखला में आपको कारोबारी पर हुई कार्रवाई और उसके लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारी बिंदुवार तरीके से उपलब्ध कराएंगे- 

कैसे शुरू हुई कार्रवाई: मामले की तह में जाने से यह जानना जरूरी है कि आखिर छापेमारी की शुरुआत आखिर हुई कैसे ? दरअसल, जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने सबसे पहले गुजरात में पान मसाला लदे चार ट्रक पकड़े थे। ये ट्रक कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर में गणपति रोड कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी के थे, ऐसा जांच में सामने आया। ट्रक में माल के जो इनवाइस पेपर मिले वो भी फर्जी निकले और तो और उनके ई-वे बिल भी जारी नहीं किए गए थे। बाद में पता चला कि ट्रक में लदा पान मसाला कानपुर में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड का है और गणपति रोड कैरियर के मालिक प्रवीण आनंदपुरी में रहते हैं। फलस्वरूप टीम ने आनंदपुरी में छापा मारा और प्रवीण जैन के घर से 45 लाख और कार्यालय से 56 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई।

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इस तरह पीयूष जैन के घर हुई छापेमारी: टीम को जांच के दौरान पता चला केि इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain)पान मसाला कंपनी को अपना एसेंस सप्लाई करते हैं। इस बिंदु को आधार मानते हुए पीयूष (Piyush Jain)के आनंदपुरी और कन्नौज के छिपट्टी माेहल्ला स्थित पैतृक आवास पर छापेमारी की गई। कानपुर से नोटों की गड्डियां निकलने लगीं तो आयकर विभाग को जानकारी दी गई और स्टेट बैंक आफ इंडिया से अतिरिक्त नोट गिनने की मशीनें मंगाई गईं। वहीं, कन्नौज से अधिकारियों ने कानपुर सूचना भिजवाई कि कारोबारी के घर से किसी को भेजें ताकि जांच शुरू की जा सके, लेकिन कारोबारी ने इससे इन्कार कर दिया। उस दिन शाम को तो अधिकारी लौट गए, लेकिन अगले ही दिन टीम ने पीयूष (Piyush Jain)के दोनों बेटों यानि  प्रत्यूष जैन और प्रियांश जैन काे हिरासत में ले लिया और कन्नौज लेकर रवाना हो गई।  

...और घर की दीवारें उगलने लगीं नोट: पीयूष जैन (Piyush Jain)के आनंदपुरी स्थित घर पर जब टीम पहुंची तो देर रात तक फर्श और दीवारें तोड़ने का क्रम चला। मानो किसी फिल्मी सीन को दोहराया जा रहा हो और फिर जब दीवारें टूटीं तो सचमुच दृश्य हैरान कर देने वाला था। पहली बार जब आनंदपुरी स्थित घर में कंटेनर ले जाया गया तो उसमें 42 बक्से रखे गए। उस दिन रात 11 बजे तक कुल 42 बक्सों में 150 करोड़ रुपये से ज्यादा नकदी भरकर रिजर्व बैंक भेजी गई थी। जांच चलती रही और नकदी निकलती रही, इसके साथ ही देखते-देखते घर से करीब 280 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। टीम को कारोबारी के कन्नौज स्थित पैतृक घर से कुल 19 करोड़ रुपये नकद मिले। ये नकदी कन्नौज स्थित घर में नौ बोरों में रखी गई थी। इसके अलावा जांच के अलग-अलग दिनों में टीम को 21 करोड़ की कीमत वाले विदेशी मार्किंग वाले सोने के बिस्किट, 250 किलो चांदी और 25 किलो सोना और छह करोड़ की कीमत का चंदन का तेल भी मिला।

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इस तरह से लाई जाती थी नकदी : काले धन के कुबेरों ने कमाई के लिए गजब का हथकंडा अपना रखा था। पान मसाला कारोबारी अपने माल को उन राज्यों में चोरी छिपे भेजते थे, जहां पान मसाला पूरी तरह से बैन किया गया था। आपूर्ति का भुगतान कैश में लेकर ट्रक लाए जाते थे। इस पूरी प्रक्रिया में पीयूष जैन (Piyush Jain)का घर का रकम रखने के लिए होता था। कानपुर से बरामद नोटों की गड्डियां छापेमारी से पहले 20 से 25 दिन के अंतराल में ही वहां लाई गई थीं।

क्या सचमुच थे पीयूष के सपा से संबंध: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व एमएलसी एवं इत्र कारोबारी पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन (Pumppy Jain) ने दीपावली से पहले इस वर्ष समाजवादी इत्र लांच किया था, जिस पर पार्टी के झंडे का रंग और चुनाव चिह्न भी था। इस बारे में पम्पी जैन ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि हमारा पीयूष जैन (Piyush Jain)से कोई रिश्ता नहीं है। वो जैन हैं और हम भी जैन हैं। वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पीयूष जैन (Piyush Jain)से संबंध होने की बात का खंडन किया था। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर काफी किरकिरी हुई।

पीयूष के बाद ये भी फंसे : कन्नौज के होली मोहल्ला में रहने वाले संदीप मिश्रा उर्फ रानू के आवास से कुछ ही कदम दूर उनका इत्र का कारखाना है। जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम उनके आवास और कारखाना पहुंची थी। एक घंटे बाद संदीप मिश्रा के पहुंचने पर टीम ने उनसे भी पूछताछ की थी।

पुरानी स्कूटर से देता रहा सबको धोखा : अपने बेहद पुराने प्रिया स्कूटर और सैंट्रो कार से चलना वाला पीयूष (Piyush Jain)काले धन का कुबेर निकलेगी इस बात की भनक उसके पड़ोसियों को भी न थी। लोगों को जब पता चला कि उसके घर बाेरों में भरकर नोट निकल रहे हैं तो उनके अचरज में पड़ने की कोई सीमा नहीं थी। लोगों ने बताया कि पीयूष (Piyush Jain)पुराने स्कूटर से चलने वाला आम आदमी की तरह लगता था। मोहल्ला छिपट्टी के लोगों का कहना था कि दोपहर 12 बजे के करीब वह घर से बाहर निकलकर जैन मंदिर में जाता था। रोडवेज बस से वह कानपुर जाता था और भिक्षुओं को कुछ देने के लिए भी कोई घर से बाहर नहीं निकलता था।

फर्श पर सोया था कारोबारी : पीयूष जैन (Piyush Jain)को गिरफ्तारी के बाद काकादेव थाने लाया गया था। देर रात 3:00 बजे उसे थाने में पुलिस अभिरक्षा में रखने के लिए लाया गया और रात में उसे महिला हेल्पलाइन कक्ष में रखा गया। सर्दी को देखते हुए उसके लिए गद्दे और कंबल का इंतजाम भी किया गया था। हालांकि इसके बाद भी उसे फर्श पर लेटकर ही रात गुजारनी पड़ी। अगली सुबह  कड़ी सुरक्षा के बीच पीयूष (Piyush Jain)को थाने से कोर्ट में पेश किया गया था। इससे पहले एलएलआर में उसक मेडिकल भी कराया गया था।

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कोर्ट में बताई थी अविश्वसनीय बात : गिरफ्तारी के बाद पीयूष जैन (Piyush Jain)को जीएसटी इंटेलीजेंस अहमदाबाद की टीम ने रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार के न्यायालय में पेश किया था। जहां रिमांड मांगे जाने पर बचाव पक्ष ने कहा था कि जीएसटी इंटेलीजेंस ने गलत तरीके से गिरफ्तारी की है।इस पर कोर्ट ने पीयूष जैन (Piyush Jain)को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। कोर्ट में पीयूष ने ऐसी बात कह दी थी जो कि न केवल हास्यास्पद थी बल्कि अविश्वसनीय भी। पीयूष (Piyush Jain)ने कहा था कि बरामद राशि उसी की है, उसने कोर्ट में टैक्स चोरी किए जाने की बात को कुबूल केिया था, लेकिन उसकी मांग थी कि 52 करोड़ टैक्स काटकर उसका बाकी रुपया वापस किया जाए।

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झोले में भरकर भेजे गए थे नोट : विगत मंगलवार देर रात यानि कि 28 दिसंबर को कन्नौज में टीम की कार्रवाई खत्म हो गई थी। इसके बाद एसबीआइ कर्मियों ने झोले और गत्तों में भरकर नोट भेजे गए थे। उसी दिन देर रात पीयूष (Piyush Jain)का बड़ा बेटा प्रत्यूष मीडिया से मुखातिब हुआ और न्याय मिलने की उम्मीद जताई थी।

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अब तक इनके घर हुई छापेमारी: गणपति रोड कैरियर ट्रांसपोर्ट के प्रवीण जैन के घर से शुरू हुई छापेमारी पीयूष जैन(Piyush Jain), कन्नौज निवासी संदीप मिश्रा और पुष्कर उर्फ पम्पी जैन (Pumppy Jain)के घर तक पहुंच गई। इस पूरी जांच के दाैरान कानपुर में एक वनस्पति घी निर्माता के प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की गई।

पम्पी जैन पर भी कस सकता शिकंजा : समाजवादी इत्र बनाने वाले इत्र कारोबारी, सपा नेता और पूर्व एमएलसी पम्पी जैन के घर शुक्रवार को आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की। टीम ने पुष्पराज के घर, दफ्तर समेत यूपी के 50 ठिकानों पर छापा मारा है।

सपा नेता के घर छापे पर बोले अखिलेश : कन्नौज में प्रेस कांफ्रेंस कर रहे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पम्पी जैन  (Pumppy Jain)के घर छापा मारे जाने की घटना पर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नफरत की दुर्गंध फैलाने वाले भाजपाई सौहार्द की सुगंध को भला कैसे पसंद करेंगे। ये समाजवादी इत्र बनाने वाले पुष्पराज जैन पम्पी को खोजने गए थे, मगर अपने ही साथी-समर्थक पीयूष जैन (Piyush Jain)को खोज निकाला। अब खीझ मिटाने के लिए पम्पी के यहां छापा मारा है।